क्लोथिंग मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना हैं कि मजदूरों का वापस आना बहुत बड़ी दिक्कतें हैं। ज्यादातर मजदूर जो चले गए हैं वे तुरंत लौटना नहीं चाहते हैं। चूंकि अप्रैल से मई जून तक वैसे ही मजदूर गांव जाते हैं, इसलिए ऐसे मामले में अब वे लोग आने की बजाय गांव में ही रहना चाहेंगे। इसलिए अधिकतर मजदूर जुलाई के बाद ही लौटने की कोशिश करेंगे और जब वे वापस आएंगे तब तक कंपनियों को अपने कारोबार बंद रखने होंगे। इसका असर यह होगा कि कंपनियों को कर्मचारियों की संख्या में कटौती तो करनी ही होगी और साथ ही अन्य मजदूर भी इस दौरान निकल जाएं। इसलिए यह स्थिति लंबे समय तक कारोबारियों को प्रभावित करेंगी।
मजदूरों के जाने से कंपनियां बंद होंगी